मधेश आन्दोलन और सशक्त बनाने की सहमति, ओली के भूत ने भी लगाए जय मधेश के नारे
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मनोज बनैता, लाहान, २० आश्विन । कल्ह रौनियार धर्मशाला लाहान में आयोजित एक कार्यक्रम में सिरहा और सप्तरी के संयुक्त संघर्ष समिति के वीच जारी आन्दोलन को ज्यादा सशक्त ढंग से ले जाने की सहमति की गई है। आन्दोलनकारी बीच लहान में राजमार्ग केन्द्रित आन्दोलन सशक्त रुप में ले जाने के सम्बन्ध में समेत बात चीत हुई है ।उधर सिराहा के विष्णुपुर कटी मे नेकपा एमाले और संयुक्त लोकतान्त्रिक मधेशी मोर्चा के कार्यकर्ता के बीच झड़प हुई है । । एमाले क्षेत्र नम्बर ४ के नियमित चल रही बैठक को मोर्चा का कार्यकताओं के घेरावन्दी करने पर झड़प की अवस्था पैदा हुई । एमाले नाकाबन्दी विरुद्ध निर्णय करने की सूचना के आधार पर मोर्चा का सैकड़ौं की संख्या में गए हुए कार्यकर्ताओं ने घेरा डाला था । मधेशी मोर्चा ने एमाले विरुद्ध नाराबाजी भी की है । झड़प में एमाले के रामअवतार यादव सहित करिब एक दर्जन प्रतिकार समुह के सदस्यों के घायल होने की खवर आ रही है । एमाले कार्यकर्ताओं के आधा दर्जन गाड़ी में भी तोड़फोड़ हुई है । एक प्रत्यक्षदर्शी राम चलितर महतो ने बताया है कि झड़प के समय में प्रतिकार समुह को जय मधेश का नारा लगाकर मात्र वहाँ से मुक्ति मिल पाया थी । प्रहरी स्रोत के अनुसार झड़प नियंत्रण मे आ चुका है।उसी तरह आज मधेश आन्दोलन का ५४ वे दिन भी लाहान लगायत सम्पुर्ण मधेश विरोधसभा का आयोजन किया गया । लाहान की सभा में बोलते हुए सदभावना पार्टी के प्रभावशाली युवा नेता राजू गुप्ता ने कहा कि, आन्दोलन जिस उँचाई में पहुँचा है वो फलदायी है । यदि इस आन्दोलन को सही ढंगसे व्यवस्थापन नहीं किया गया तो मधेशी पार्टीयों के अध्यक्ष के विरुद्ध बड़ा विरोध हो सकता है । सदभावना पार्टी के केन्द्रिय सहमहासचिव के पद में आसीन नेता राजू गुप्ता सिरहा में एक प्रभावशाली और दुरदर्शी नेता के रुप में भी जाने जाते हैं । उन्होंने कहा है कि इस आन्दोलन ने मधेशी नेतृत्व वर्ग को भी एक चुनौती दी है । इसीतरह संघर्ष समिति सदस्य एमाले नेता सत्यनारायण यादव ने कहा है कि अगर मेरे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस गरिमामय शान्तिपूर्ण आन्दोलन को कलंकित करने की कोशिश कि तो मधेशी जनता उन मधेश विरोधीयों को नहीं छोडेÞगी । सिरहा के आन्दोलन को इस उँचाई में ले जाने में नेता यादव ने भी महत्वपूर्ण भूमिका खेली है ।
माओवादी(वैध पक्ष)के युवा नेता विजय गुप्ता ने कहा कि मधेशी समुदाय द्वारा किया गया ये आमहड़ताल विश्व इतिहास में रेकर्ड कÞायम करन ेके वाद भी इस खस शासक का कोई भी सकारात्मक निर्णय न लेना इस देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है । अन्त में नेता गुप्ता ने सरकार को एक नसीहत दी है कि देश में मधेशी और पहाड़ी के बीच कित्ताबन्दी हो रही है । । कुछ पहाड़ी शासक के चलते मधेशी उपर जो दमन हो रहा है उसके कारण मधेश में पहाडी समाज प्रति नकारात्मक भावना पैदा होने की सम्भावना अत्यधिक है । इसलिए सरकार को इस ओर गम्भीरता से ध्यान देना होगा । स्रोत:हिमालिनी