जनकपुर में विश्वकिर्तिमानी ‘मानव साङ्गलो’ में उभरा मानव सागर
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कैलास दास,जनकपुर, असोज १४ । j-1संयुक्त लोकतान्त्रिक मधेशी मोर्चा और संघीय मधेशी मोर्चा सहित का मधेश नेतृत्वकर्ता दलो ने शुक्रवार पूर्व आयोजित कार्यक्रम ‘मानव सङ्गालो’ में मानव सागर देखा गया है । ‘नेपाल का संविधान २०७२’ त्रुटिपूर्ण आरोप लगाते हुए मधेश नेतृत्वकर्ता दलों ने संविधान संशोधन कर मधेश का माँग सम्बोधन करने के वास्ते दवाव के लिए ‘मानव सङ्गालो’ कार्यक्रम को आयोजना किया गया था । मधेश के जिलों में ११ सौ ५५ किलोमिटर रहा हुलाकी राजमार्ग में मधेशी जनताओं ने हाथ में हाथ जोडकर यह कार्यक्रम सफल किया है । इस कार्यक्रम में बुढा, बच्चा, महिलाए और मधेशी ही नही पहाडी समुदाय का लोग भी सामेल थे । धनुषा में ही करीब लाखौं की संख्या में हुलाकी राजमार्ग में उपस्थित लोगों ने हाथ में हाथ जोडकर इस कार्यक्रम सफल बनाया है । हुलाकी राज मार्ग में कही सडके, कही गढा तो कही नदिया थी । लोगो सभी जगहे खडे होकर हाथ में हाथ जोडकार नार लगाते हुए सरकार को चेतावनी दिया है कि अगर मधेश का माँग संविधान में समावेश नही किया गया तो इतनी बडी तादार में रहे लोग इस संविधान को स्वीकार नही करेंगे । अगर गौर से देखा जाए तो विश्व का यह सबसे बडा कार्यक्रम है यह जहाँ ११ सौ ५५ किलोमीटर की दूरी तक लोगों ने हाथ में हाथ जोडकर प्रदर्शन किया है । मध्यान्ह १ बजे से शुरु हुआ यह कार्यक्रम ४ बजे तक चला था । लाखौं की संख्या में उपस्थित लोगो ने धूप की परवाह न कर मधेश के माँग सम्बोधन के लिए आन्दोलन में उतरे है । ‘हाथ संगालो’ कार्यक्रम में लामबद्ध लोगों पानी और सरवत की व्यवस्था भी किया गया था । j-2पूर्व का बोर्डर झापा से पश्चिम का कञ्चनपुर, कैलाली तक हुलाकी राजमार्ग में युवा, उद्योगी, व्यवसायी, पेशाकर्मी, कर्मचारी सहित के लोग सहभागी हुए थे । मधेश में करीब पौने दो महिना से आन्दोलन चल रही है । लेकिन सरकार ने मधेश के माँग को अनसुनी कर अभी किसी प्रकार का सम्बोधन नही करने पर यहाँ का जनजीवन प्रभावित हो चुका है तो जनता आक्रोशित होकर सरकार विरुद्ध नारेबाजी कर रहे है । विश्व का पहला इतिहास है जहाँ पर पौने दो महिना से आन्दोलन चल रही राजनीति लोगो को कहना है । सरकार ने मधेश आन्दोलन प्रति किसी प्रकार का रेसपोन्स नही लेने पर मधेश नेतृत्वकर्ता दलों ने सरकार को टेक्स नही देने का निर्णय भी किया है । स्रोत:हिमालिनी