प्रदर्शन में भारतीय की मौत पर पीएम मोदी ने नेपाल फोन कर जताई चिंता
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पड़ोसी देश नेपाल में घरेलू तनाव बढ़ने पर भारत ने गंभीर चिंता जताई है। भारत की असली चिंता की वजह यह तथ्य है कि जब भी वहां घरेलू तौर पर तनाव बढ़ता है तो भारत विरोधी भावनाओं को हवा देने वाले भी नए सिरे से सक्रिय हो जाते हैं। भारत फिलहाल पूरी स्थिति की निगरानी कर रहा है। इस बारे में भारत ने नेपाल सरकार को भी सतर्कता से कदम उठाने की सलाह दी है। इस सलाह के साथ ही भारत नेपाल के अंदरूनी हिस्से में ईंधन की किल्लत को देखते हुए हवाई मार्ग से ईंधन की आपूर्ति बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है।
भारतीय की मौत पर मोदी गंभीर
रक्सौल में मधेशियों के प्रदर्शन के दौरान मारे गए भारतीय की इस घटना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहद गंभीरता से लिया है। मोदी ने अपने समकक्ष नेपाल के पीएम के पी ओली से फोन पर बात कर अपनी चिंता जाहिर की है, और इस घटना का विस्तृत ब्यौरा मांगा है।
भारत की ट्रांसपोर्टरों को सलाह
हालांकि इसके साथ ही भारत ने सीमावर्ती इलाकों में हिंसा को देखते हुए अपने ट्रांसपोर्टरों को पर्याप्त सुरक्षा बरतने को कहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप का कहना है कि 'हमने ट्रांसपोर्टरों से कहा है कि वह अपनी सुरक्षा का पूरा ख्याल करें और जोखिम में न पड़े।'
भारत के इस सलाह के बाद रक्सौल समेत अन्य सीमा पर जो ट्रांसपोर्टर खड़े हैं और हालात के सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं उन पर माल आपूर्ति करने का दबाव कम हो गया है। इससे नेपाल में ईंधन और अन्य रोजमर्रा की जरुरी चीजों को पहुंचने में और दिक्कत होगी। लिहाजा वहां इन सामानों की किल्लत और बढ़ सकती है।
बिहार-नेपाल सीमा पर रक्सौल-बीरगंज प्रवेश द्वार समेत कई जगहों पर मधेसी आंदोलन ने उग्र रूप पकड़ लिया है। पुलिस फायरिंग में एक भारतीय की भी मौत हो गई है। उसके बाद ही भारत सरकार ने अपने ट्रांसपोर्टरों को ज्यादा सतर्कता बरतने का सुझाव दिया है।
भारत की तरफ से नेपाल को जो सामान पहुंचाये जाते हैं उसका 70 फीसद रक्सौल-बीरगंज सीमा से ही होता है। इस सीमा पर पिछले दो महीनों से मधेसी आंदोलन चल रहा है जो नेपाल संविधान में बदलाव के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। नेपाल का कहना है कि भारत इस विरोध की आड़ में जान बूझ कर सामानों की आपूर्ति में बाधा पैदा कर रहा है। भारत इससे इनकार करता है। भारत का कहना है कि आंदोलन की वजह से उसके ट्रक सामान नहीं पहुंचा पा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक सीमा पर तनावपूर्ण हालात को देखते हुए दूसरे क्षेत्रों से ट्रक पहुंचाने की कोशिश की गई है लेकिन वह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। इसके साथ ही हवाई मार्ग से ईंधन पहुंचाने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। बताते चलें कि भारत की तरफ से आपूर्ति बाधित होने की वजह से नेपाल में इंधन की काफी किल्लत चल रही है। नेपाल ने चीन से कुछ इंधन लेने के लिए समझौता किया है लेकिन वह जरुरत के मुताबिक पर्याप्त नहीं है।              स्रोत;जागरण 

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