मधेसियों ने 1155 किमी भारत-नेपाल बॉर्डर को घेरा
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सिरहा , मधेसी आंदोलन के 47वें दिन गुरुवार को आंदोलनकारियों ने ऐतिहासिक मानव श्रृखंला बनाकर अपनी एकता का परिचय दिया और नेपाल सरकार को कड़ी चेतावनी दी। इस दौरान उन्हों ने ‘करो या मरो’ के नारे लगाए। इस बीच जनकपुर में एक दर्जन मधेसियों के शव मिलने के बाद सरकार और मधेसियों के बीच जबरदस्त तनाव उत्पनन्ना हो गया है।
मेची से महाकाली तक करीब 1155 किमी लंबी इंडो-नेपाल सीमा पर मधेसी ही नजर आए। आंदोलन में नेपाल के 22 जिलों के करीब छह लाख मधेसी शामिल हुए। महिलाओं व बच्चों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
आंदोलनकारियों ने नेपाल को भारत से जोडऩेवाले गंडक बराज के रास्ते को एक तरह से सील कर दिया। सीमांचल में ‘जय मधेस’ के नारे गूंजे। आंदोलनकारियों को रोकने पहुंची नेपाली पुलिस व सेना बैरंग वापस लौट गई। सीमा पर धरना, प्रदर्शन व नाकेबंदी जारी रही। इस अनूठे प्रदर्शन से सहमी नेपाल सरकार ने आंदोलनकारियों को बातचीत का निमंत्रण दिया है।
मधेसियों ने नदी और पहाड़ सभी जगहों पर मानव श्रृंखला बनाई। संयुक्त लोकतांत्रिक मधेसी मोर्चा के संयोजक महंथ ठाकुर ने कहा कि पूरी दुनिया में अभी तक इतनी बड़ी मानव श्रृंखला कहीं नहीं बनी थी।
मीडिया पर प्रतिबंध
नेपाल में 42 भारतीय चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, नेपाली मीडिया पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिया गया है। नेपाल सरकार ने पहाड़ी इलाकों में भारतीय चैनल बंद कर दिया है।
नवलपुर व हरिऔन समेत पहाड़ी इलाकों में पहाड़ी समुदाय के लोगों ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंककर भारत के खिलाफ प्रदर्शन किया। जवाब में तराई के लोगों ने नेपाली चैनल बंद कर दिया। साथ ही चीन का पुतला फूंक चीनी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सशस्त्र समूहों में बनी एकता
तराई में संघर्षरत तीन प्रमुख सशस्त्र समूहों के बीच कार्यगत एकता कायम हो गई है। अखिल तराई मुक्ति मोर्चा, मधेसी मुक्ति टाइगर्स (तराई) और तराई कोबरा ने मिलकर नेपाल सरकार से लडऩे का फैसला किया है।
शव मिलने से तनाव
उधर, जनकपुर में एक दर्जन मधेसियों के शव मिलने के बाद सरकार और मधेसी मोर्चा के बीच सहमति की संभावना धूमिल पड़ गई है। जनकपुर में मोर्चा कार्यकर्ताओं ने अक्षय नामक एक सफाईकर्मी को तीन शवों के साथ पकड़ा। उसकी निशानदेही पर द्वयमति नदी और विस्पिति गांव के पास से आठ और शवों को बरामद किया गया। सफाईकर्मी ने कहा कि 35 शवों को गाड़ा था। बरामद शवों की पहचान अभी तक नहीं हुई है। शवों के मिलने के बाद जनकपुर सहित पूरे मधेस का माहौल तनावग्रस्त हो गया है। स्रोत:जागरण