बेहाल नेपाल का जिम्मेदार कौन:मधेसियों ने क्यों मांगा अलग राष्ट्र?
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नेपाल में खराब होते हालात के बीच अब मधेसियों ने अलग राष्ट्र की मांग शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि संयुक्त लोकतांत्रिक मधेसी मोर्चा ने अब इसके लिए अपनी मुहिम तेज कर दी है।

डॉ सीके राउत के नेतृत्व में स्वतंत्र मधेस गठबंधन ने यह मांग तेज करते हुए जनसमर्थन इकट्ठा करना शुरु कर दिया है। ऐसे में सवाल यह कि आखिर क्यों यह मुद्दा इतना तूल पकड़ लिया कि अब मांग अलग राष्ट्र की होने लगी है। नेपाल के पल-पल बदलते हालात पर पैनी नजर रखने वालीं और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय में प्रोफेसर सविता पांडे कहती हैं,


“इस तरह की मांग और यह कहना कि नेपाल दो हिस्सों में बंट जाएगा किसी भी तरह से जायज नहीं है। हां इतना जरूर है कि जो हालात नेपाल में पैदा हुए हैं उसके लिए वहां की नई सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। अगर वहां की सरकार ने वक्त रहते हालात को संभालने की कोशिश की होती तो नेपाल में ऐसा नहीं होता। पहले तो उनको (मधेसी) कुछ नहीं दिया गया। फिर मामले को संभालने की कोशिश नहीं की गई। नाकेबंदी हो गई, हिंसा हो गई, इसके बाद अचानक से यह कह दिय़ा गया कि ठीक है हम उनकी दो मांगों को मान जाएंगे। जबकि ये सारी बातें मोल-तोल के बाद होना चाहिए था। मधेसियों ने अलग राष्ट्र की मांग इसलिए रखी है ताकि सरकार पर दबाव बनाकर वो अपने हितों की बेहतर समझौतेबाजी कर सकें।“जानकार बताते हैं कि नये संविधान का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और नेपाल पुलिस के बीच भारत-नेपाल सीमा के पास हुई झड़पों में शीर्ष मधेसी नेता राजेंद्र महतो के जख्मी होने के बाद इनका गुस्सा और बढ़ गया है। विराटनगर में हुई इस झड़प के बाद जनकपुरी शहर में भी प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी पर पथराव किया है। इस संघर्ष में कई लोगों के घायल होने की खबरें हैं।

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