नेपाल का संविधान संशोधन बिल जबरन पेश हुआ: मधेशी
Advertisment
काठमांडू । नेपाल के दो शीर्ष मधेशी नेताओं ने मध्यस्थता कर रहे माओवादी सुप्रीमो प्रचंड से कहा कि उनकी सहमति के बगैर ही संविधान संशोधन बिल संसद में जबरन पेश किया गया।

इसके जवाब में मधेशी नेताओं ने कहा कि फ्रंट संविधान संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर करने को तैयार नहीं है क्योंकि इसे उनकी सहमति के बगैर संसद में जबरन पेश किया गया है। यादव ने कहा, 'हम संशोधन प्रस्ताव पर तभी राजी होंगे जब सरकार हमारी मांगों पर सहमत होगी।' यादव फेडरल सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। भारत विरोधी रुख के लिए चर्चित प्रचंड इस बात से अवगत हैं कि देश में मौजूदा संकट के पीछे तीन बड़ी पार्टियों नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल और यूसीपीएन (माओवादी) के बीच आम राय की कमी ही मुख्य वजह है। मधेशी समस्या को लेकर उन्होंने नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की। प्रचंड ने राजनीतिक गतिरोध खत्म कराने के लिए बुधवार को सरकार और मधेशियों के बीच अपनी पार्टी की मध्यस्थता की पेशकश की थी।