नेपाल के हालात पर जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव से मिले मधेशी आंदोलन के नेता
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नई दिल्ली। नेपाल में नया संविधान लागू होने के बाद शुरू हुआ मधेशी आंदोलन तेज गति पकड़ने लगा है। आंदोलन को धार देने के लिए मधेशी आंदोलन से जुड़े नेता आज दोपहर जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से मिले।
नेपाल में मधेशियों की संख्या सवा करोड़ से अधिक है। इनकी बोली मैथिली है। ये हिंदी और नेपाली भी बोलते हैं। भारत के साथ इनका हजारों साल पुराना रोटी-बेटी का संबंध है, लेकिन इनमें से 56 लाख लोगों को अब तक नेपाल की नागरिकता नहीं मिल पाई है।
सूत्रों के मुताबिक, आंदोलन से जुड़े नेताओं की मुलाकात शरद यादव के 7 तुगलक रोड स्थित उनके आवास पर दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हुई है। मुुलाकात के दौरान आंदोलनकारी अपने लिए पार्टी का समर्थन मांगा।
गौरतलब है कि मधेशी मुख्य रूप से नेपाली निवासी हैं, जो नेपाल के दक्षिणी भाग के मैदानी क्षेत्र में रहते हैं। इस क्षेत्र को 'तराई क्षेत्र' भी कहते हैं। इसी क्षेत्र को ‘मधेश’ भी कहते हैं। मधेश शब्द 'मध्यदेश' का अपभ्रंश है। यहां की जमीन उपजाऊ है और आबादी भी घनी है। मधेशियों में इस बात का आक्रोश है कि उनकी उपेक्षा की जाती है।

जिन्हें नागरिकता मिली भी है, वह किसी काम की नहीं क्योंकि उन्हें ना ही सरकारी नौकरी में स्थान मिलता है और ना ही संपत्ति में। यानी सिर्फ कहने को नेपाली नागरिक।
इसी भेदभाव के खिलाफ मधेशी आंदोलन कर रहे हैं। नेपाल में पहाड़ की महज सात-आठ हजार की आबादी पर एक सांसद है, लेकिन तराई में सत्तर से एक लाख की आबादी पर एक सांसद है! मधेशी नेपाल में एक अलग मधेशी राज्य की मांग कर रहे हैं।